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ToggleRam mandir Ayodhya ka history- “राम मंदिर निर्माण और प्राण प्रतिष्ठा- 2024
वर्ष 1528 राम मंदिर गिराकर विवादित ढांचा (बाबरी मस्जिद) का निर्माण हुआ । इसे मुगल शासक बाबर ने बनवाया था, इस वजह से इसे बाबरी मस्जिद कहा जाने लगा । वर्ष 1853 पहली बार अयोध्या में विवादित स्थल के पास सांप्रदायिक दंगा हुआ । वर्ष 1949 विवादित स्थल पर भगवान राम की मूर्तियां मिली । जिसके बाद यकीन हो गया था कि अयोध्या की उस जगह पर पहले राम मन्दिर ही था वर्ष 2019 में सुप्रीम कोर्ट ने भी फैसला राम मन्दिर के पक्ष में सुनाया जिसके बाद राममंदिर का निर्माण शुरू किया गया ।
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– Ram mandir का वर्ष 1528: Ram mandir गिराकर विवादित ढांचा (बाबरी मस्जिद) का निर्माण
– इतिहास: मुगल शासक बाबर द्वारा बनवाया गया बाबरी मस्जिद
– 1853 में विवादित स्थल के पास सांप्रदायिक दंगा
– 1949 में भगवान राम की मूर्तियां मिलीं, जिससे अयोध्या के में पहले Ram mandir की स्थान पर होने की यकीनी हुई
2. Ram mandir की खुदाई में क्या क्या वस्तुएँ मिलीं ?
– खुदाई के दौरान प्राचीन मंदिर के अवशेष
– मूर्तियां और स्तंभों का समृद्धि से भरा मिलना
– श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय की सुचना के अनुसार
3. Ram mandir का निर्माण और इसका इतिहास
– राम मंदिर का निर्माण कार्य कब और कैसे हुआ?
– मंदिर के टूटने का इतिहास: 1527-28 में मुगलों द्वारा भव्य राम मंदिर को तोड़ा गया
– राम मंदिर के प्रथम तल का निर्माण समर्पण निधि स
4. Ram mandir का उद्घाटन और विशेषता
– मंदिर की विशेषता: 392 स्तंभ, 44 दरवाजे, मुख्य गर्भगृह में श्रीरामलला की मूर्ति
– मंदिर का उद्घाटन: 22 जनवरी, 2024 को पूरे देश में धूमधाम से मनाया जाएगा
– राम मंदिर में निमंत्रण पत्र प्राप्त करने वालों के लिए नियम
5. Ram mandir के मुख्य मेहमान और आमंत्रण
– आमंत्रित व्यक्तियों में संत, किसान, संरक्षणवादी, और उद्योगपति शामिल हैं
– ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय के अनुसार विभिन्न क्षेत्रों के प्रमुख व्यक्तियों को निमंत्रण
– राम मंदिर के उद्घाटन में शामिल होने जा रहे विशेषज्ञों और कला निर्देशकों का समृद्धि से भरा सम्मान
6. समापन
– राम मंदिर निर्माण: एक नये युग की शुरुआत का प्रतीक
– राम मंदिर का निर्माण: एक सांस्कृतिक और धार्मिक महाकाव्य का सफल समापन
– राम मंदिर: भारतीय समृद्धि और अद्वितीयता के प्रति विश्वास का प्रतीक
राम मंदिर की खुदाई में क्या क्या वस्तए मिलीं है ?
अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का कार्य खूब तीव्र गति से चल रहा है. इस दौरान खुदाई करते समय प्राचीन मंदिर के कुछ अवशेष भी मिले हैं. इसमें अनेकों मूर्तियां और स्तंभ शामिल हैं. खुद श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने सोशल मीडिया के जरिए इसकी सुचना दी.
राम मंदिर कब टूटा था ?
14वीं शताब्दी में हिन्दुस्तान पर मुगलों का अधिकार हो गया और उसके बाद ही राम जन्मभूमि एवं अयोध्या को नष्ट करने के लिए कई अभियान चलाए गए । अंतत 1527- 28 में इस प्रकार से भव्य राम मंदिर को तोड़ दिया गया और उसकी जगह बाबरी मस्जिद का निर्माण किया गया ।
राम मन्दिर का निर्माण कार्य कितना और कैसे हो रहा है ?
70 एकड़ में राम मंदिर और चारों ओर आयताकार परकोटा, 32 सीढ़ियां चढ़कर होंगे रामलला के लिए दर्शन 22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम होनी है । उससे पहले मंदिर में तैयारियां जोरों पर है
निर्माण श्रीराम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ने मार्च 2020 में श्री राम मन्दिर के निर्माण का पहला चरण शुरू किया । हालाँकि, भारत में कोरोना महामारी लॉकडाउन के बाद 2020 चीन- भारत झड़पों ने निर्माण को अस्थायी रूप से स्थगित कर दिया । निर्माण स्थल के समतल और खुदाई के दौरान एक शिवलिंग, खम्भे और टूटी हुई मूर्तियाँ मिलीं ।
22 जनवरी को अयोध्या में बन रहे राम मंदिर में भगवान श्रीरामलला की प्राण प्रतिष्ठा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदीजी के हाथों होना हैं. 2019 में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद जब राम मंदिर निर्माण के लिए जिस रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र का गठन किया गया था, उसकी तरफ से मंदिर निर्माण की लागत तय की गई थी. जिसके बाद से ही तीन मंजिला राम मंदिर के लिए दुनिया भर के राम भक्तों के द्वारा दान दिया गया. चौंकाने वाली बात यह है कि राम भक्तों ने पूरा दिल खोलकर राम मंदिर के लिए दान दिया. हुआ यह है कि राम मंदिर के प्रथम तल का निर्माण समर्पण निधि में मिले रुपयों के ब्याज से ही हो गया.
रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ने देश दुनिया के लोगो से पूरे 11 करोड़ लोगों से ₹ 900 करोड़ रुपए जुटाने का लक्ष्य रखा था. लेकिन जब देश के सभी राम भक्तों ने अपना पिटारा खोला तो अनुमान से करीब चार गुना ज्यादा रकम श्रीराम को दान स्वरुप मिल गए. जिसका परिणाम यह रहा कि करीब ₹ 3200 करोड़ रुपए समर्पण निधि के रूप में आए और उसके ब्याज से ही प्रथम मंजिल अब बनकर तैयार है, जिसका 22 जनवरी को उद्घाटन होना है.
राम मंदिर बनने में कितना समय लगा ?
अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण कार्य प्रगति पर है, जिसका भूतल जनवरी में भक्तों के लिए खोला जाएगा । पूरा मंदिर 2025 तक पूरा होने की उम्मीद है । राम मंदिर की लंबाई 380 फीट है और लंबाई के साथ ही 250 फीट चौड़ा और 161 फीट ऊंचा है ।
राम मंदिर में क्या है खास?
मंदिर 392 स्तंभों और 44 दरवाजों से सुशोभित है, जो जटिल शिल्प कौशल और बिल्डरों की भक्ति को प्रदर्शित करता है । मुख्य गर्भगृह में भगवान राम के शिशु रूप श्री राम लला की मूर्ति है, जबकि पहली मंजिल पर श्री राम की मूर्ति है |
राम मन्दिर का उद्घाटन कब होगा ?
साल 2024 सभी के लिए बहुत ही ज्यादा खास और ऐतिहासिक होने वाला है क्योंकि अयोध्या में बनाये गए इस राम मंदिर का भव्य उद्घाटन 22 जनवरी, 2024 को होने जा रहा है । पूरे देश मे इस दिन मंदिर में सभी देशवासियों द्वारा प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम और दिवाली मनाई जायेगी ।
राम मंदिर उद्घाटन के लिए किसे आमंत्रित किया गया है ?
किसानों और संरक्षणवादी राहीबाई सोमा पोपेरे, हिरवे बाजार के ‘आदर्श सरपंच’ पोपटराव पवारजी और अर्थशास्त्री राहुल राठी और उद्योगपति अभय फिरोदिया उन सभी 25 लोगों में से हैं, जिन्हें पुणे और महाराष्ट्र से बड़े पैमाने पर और खास तौर पर नवनिर्मित राम मंदिर के अभिषेक के लिए आमंत्रित किया गया है ।
राम मंदिर अयोध्या में किसे आमंत्रित किया गया है ?
ट्रस्ट ने देश भर से लगभग 4000 से ज्यादा संतों समाज को भी आमंत्रित किया है । ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने पहले कहा था,” राम मंदिर आंदोलन के दौरान जान गंवाने वाले 50 कारसेवकों के परिवार के सदस्यों को भी आमंत्रित किया गया है । न्यायाधीशों, वैज्ञानिकों, लेखकों और कवियों को भी निमंत्रण भेजा गया है
इस प्राण प्रतिष्ठा के मुख्य मेहमान नरेंद्र मोदीजी होंगे ।
अयोध्या में बने राम मन्दिर के लिए पूरा देश ही उत्साहित है क्युकी इस दिन को इतिहासिक बनाने के लिए उस दिन को पूरे देश मे दिवाली की तरह मनाया जायेगा
प्राण प्रतिष्ठा के लिए कुछ नियम
रिपोर्ट के अनुसार जिसके पास निमंत्रण पत्र है सिर्फ उसी को मंदिर में आने की अनुमति होगी
प्राण प्रतिष्ठा में आने वाले लोगों को 22 जनवरी को सुबह बजे ही प्रवेश करना होगा ।